יהושע 22

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Joshua 22 Hebrew Transliterated Bible

The two tribes and a half with a blessing are sent home,
’āz  yiq·rā  yə·hō·wō·šu·a‘,  lā·r·’ū·ḇê·nî  wə·lag·gā·ḏî;  wə·la·ḥă·ṣî  maṭ·ṭêh  mə·naš·šeh.  way·yō·mer  ’ă·lê·hem,  ’at·tem  šə·mar·tem,  ’êṯ  kāl-  ’ă·šer  ṣiw·wāh  ’eṯ·ḵem,  mō·šeh  ‘e·ḇeḏ  Yah·weh;  wat·tiš·mə·‘ū  ḇə·qō·w·lî,  lə·ḵōl  ’ă·šer-  ṣiw·wî·ṯî  ’eṯ·ḵem.  lō-  ‘ă·zaḇ·tem  ’eṯ-  ’ă·ḥê·ḵem,  zeh  yā·mîm  rab·bîm,  ‘aḏ  hay·yō·wm  haz·zeh;  ū·šə·mar·tem  ’eṯ-  miš·me·reṯ  miṣ·waṯ  Yah·weh  ’ĕ·lō·hê·ḵem.  wə·‘at·tāh,  hê·nî·aḥ  Yah·weh  ’ĕ·lō·hê·ḵem  la·’ă·ḥê·ḵem,  ka·’ă·šer  dib·ber  lā·hem;  wə·‘at·tāh  pə·nū  ū·lə·ḵū  lā·ḵem  lə·’ā·ho·lê·ḵem,  ’el-  ’e·reṣ  ’ă·ḥuz·zaṯ·ḵem,  ’ă·šer  nā·ṯan  lā·ḵem,  mō·šeh  ‘e·ḇeḏ  Yah·weh,  bə·‘ê·ḇer  hay·yar·dên.  raq  šim·rū  mə·’ōḏ,  la·‘ă·śō·wṯ  ’eṯ-  ham·miṣ·wāh  wə·’eṯ-  hat·tō·w·rāh  ’ă·šer  ṣiw·wāh  ’eṯ·ḵem  mō·šeh  ‘e·ḇeḏ-  Yah·weh  lə·’a·hă·ḇāh  ’eṯ-  Yah·weh  ’ĕ·lō·hê·ḵem  wə·lā·le·ḵeṯ  bə·ḵāl  də·rā·ḵāw  wə·liš·mōr  miṣ·wō·ṯāw  ū·lə·ḏā·ḇə·qāh-  ḇōw;  ū·lə·‘ā·ḇə·ḏōw  bə·ḵāl  lə·ḇaḇ·ḵem  ū·ḇə·ḵāl  nap̄·šə·ḵem.  way·ḇā·rə·ḵêm  yə·hō·wō·šu·a‘;  way·šal·lə·ḥêm,  way·yê·lə·ḵū  ’el-  ’ā·ho·lê·hem.  s  wə·la·ḥă·ṣî  šê·ḇeṭ  ham·naš·šeh,  nā·ṯan  mō·šeh  bab·bā·šān  ū·lə·ḥeṣ·yōw,  nā·ṯan  yə·hō·wō·šu·a‘  ‘im-  ’ă·ḥê·hem,  [mê·‘ê·ḇer  ḵ]  (bə·‘ê·ḇer  q)  hay·yar·dên  yām·māh;  wə·ḡam    šil·lə·ḥām  yə·hō·wō·šu·a‘  ’el-  ’ā·ho·lê·hem  way·ḇā·ră·ḵêm.  way·yō·mer  ’ă·lê·hem  lê·mōr,  bin·ḵā·sîm  rab·bîm  šū·ḇū  ’el-  ’ā·ho·lê·ḵem  ū·ḇə·miq·neh  raḇ-  mə·’ōḏ,  bə·ḵe·sep̄  ū·ḇə·zā·hāḇ  ū·ḇin·ḥō·šeṯ  ū·ḇə·ḇar·zel  ū·ḇiś·lā·mō·wṯ  har·bêh  mə·’ōḏ;  ḥil·qū  šə·lal-  ’ō·yə·ḇê·ḵem  ‘im-  ’ă·ḥê·ḵem.    way·yā·šu·ḇū  way·yê·lə·ḵū  bə·nê-  rə·’ū·ḇên  ū·ḇə·nê-  ḡāḏ  wa·ḥă·ṣî  šê·ḇeṭ  ham·naš·šeh,  mê·’êṯ  bə·nê  yiś·rā·’êl,  miš·ši·lōh  ’ă·šer  bə·’e·reṣ-  kə·nā·‘an;  lā·le·ḵeṯ  ’el-  ’e·reṣ  hag·gil·‘āḏ,  ’el-  ’e·reṣ  ’ă·ḥuz·zā·ṯām  ’ă·šer  nō·ḥă·zū-  ḇāh,  ‘al-    Yah·weh  bə·yaḏ-  mō·šeh. 
They build the altar of testimony in their journey
The Israelites are offended thereat
11 way·yiš·mə·‘ū  ḇə·nê-  yiś·rā·’êl  lê·mōr;  hin·nêh  ḇā·nū  ḇə·nê-  rə·’ū·ḇên  ū·ḇə·nê-  ḡāḏ  wa·ḥă·ṣî  šê·ḇeṭ  ham·naš·šeh  ’eṯ-  ham·miz·bê·aḥ,  ’el-  mūl  ’e·reṣ  kə·na·‘an,  ’el-  gə·lî·lō·wṯ  hay·yar·dên,  ’el-  ‘ê·ḇer  bə·nê  yiś·rā·’êl.  12 way·yiš·mə·‘ū  bə·nê  yiś·rā·’êl;  way·yiq·qā·hă·lū  kāl-  ‘ă·ḏaṯ  bə·nê-  yiś·rā·’êl  ši·lōh,  la·‘ă·lō·wṯ  ‘ă·lê·hem  laṣ·ṣā·ḇā.    13 way·yiš·lə·ḥū  ḇə·nê-  yiś·rā·’êl  ’el-  bə·nê-  rə·’ū·ḇên  wə·’el-  bə·nê-  ḡāḏ  wə·’el-  ḥă·ṣî  šê·ḇeṭ-  mə·naš·šeh  ’el-  ’e·reṣ  hag·gil·‘āḏ;  ’eṯ-  pî·nə·ḥās  ben-  ’el·‘ā·zār  hak·kō·hên.  14 wa·‘ă·śā·rāh  nə·śi·’îm  ‘im·mōw,  nā·śî  ’e·ḥāḏ  nā·śî  ’e·ḥāḏ  lə·ḇêṯ  ’āḇ,  lə·ḵōl  maṭ·ṭō·wṯ  yiś·rā·’êl;  wə·’îš  rōš  bêṯ-  ’ă·ḇō·w·ṯām  hêm·māh  lə·’al·p̄ê  yiś·rā·’êl.  15 way·yā·ḇō·’ū  ’el-  bə·nê-  rə·’ū·ḇên  wə·’el-  bə·nê-  ḡāḏ  wə·’el-  ḥă·ṣî  šê·ḇeṭ-  mə·naš·šeh  ’el-  ’e·reṣ  hag·gil·‘āḏ;  way·ḏab·bə·rū  ’it·tām  lê·mōr.  16 kōh  ’ā·mə·rū  kōl  ‘ă·ḏaṯ  Yah·weh  māh-  ham·ma·‘al  haz·zeh  ’ă·šer  mə·‘al·tem  bê·lō·hê  yiś·rā·’êl,  lā·šūḇ  hay·yō·wm,  mê·’a·ḥă·rê  Yah·weh;  biḇ·nō·wṯ·ḵem  lā·ḵem  miz·bê·aḥ,  lim·rā·ḏə·ḵem  hay·yō·wm  Yah·weh.  17 ham·‘aṭ-  lā·nū  ’eṯ-  ‘ă·wōn  pə·‘ō·wr,  ’ă·šer  lō-  hiṭ·ṭa·har·nū  mim·men·nū,  ‘aḏ  hay·yō·wm  haz·zeh;  way·hî  han·ne·ḡep̄  ba·‘ă·ḏaṯ  Yah·weh.  18 wə·’at·tem  tā·šu·ḇū  hay·yō·wm,  mê·’a·ḥă·rê  Yah·weh;  wə·hā·yāh,  ’at·tem  tim·rə·ḏū  hay·yō·wm  Yah·weh,  ū·mā·ḥār  ’el-  kāl-  ‘ă·ḏaṯ  yiś·rā·’êl  yiq·ṣōp̄.  19 wə·’aḵ  ’im-  ṭə·mê·’āh  ’e·reṣ  ’ă·ḥuz·zaṯ·ḵem,  ‘iḇ·rū  lā·ḵem  ’el-  ’e·reṣ  ’ă·ḥuz·zaṯ  Yah·weh  ’ă·šer  šā·ḵan-  šām  miš·kan  Yah·weh,  wə·hê·’ā·ḥă·zū  bə·ṯō·w·ḵê·nū;  Yah·weh  ’al-  tim·rō·ḏū,  wə·’ō·ṯā·nū  ’el-  tim·rō·ḏū,  biḇ·nō·ṯə·ḵem  lā·ḵem  miz·bê·aḥ,  mib·bal·‘ă·ḏê,  miz·baḥ  Yah·weh  ’ĕ·lō·hê·nū.  20 hă·lō·w  ‘ā·ḵān  ben-  ze·raḥ,  mā·‘al  ma·‘al  ba·ḥê·rem,  wə·‘al-  kāl-  ‘ă·ḏaṯ  yiś·rā·’êl  hā·yāh  qā·ṣep̄;  wə·hū  ’îš  ’e·ḥāḏ,    ḡā·wa‘  ba·‘ă·wō·nōw.   
They vindicate their conduct, and give them good satisfaction
21 way·ya·‘ă·nū  bə·nê-  rə·’ū·ḇên  ū·ḇə·nê-  ḡāḏ,  wa·ḥă·ṣî  šê·ḇeṭ  ham·naš·šeh;  way·ḏab·bə·rū,  ’eṯ-  rā·šê  ’al·p̄ê  yiś·rā·’êl.  22 ’êl  ’ĕ·lō·hîm  Yah·weh  ’êl  ’ĕ·lō·hîm  Yah·weh    yō·ḏê·a‘,  wə·yiś·rā·’êl    yê·ḏā‘;  ’im-  bə·me·reḏ  wə·’im-  bə·ma·‘al  Yah·weh,  ’al-  tō·wō·šî·‘ê·nū  hay·yō·wm  haz·zeh.  23 liḇ·nō·wṯ  lā·nū  miz·bê·aḥ,  lā·šūḇ  mê·’a·ḥă·rê  Yah·weh;  wə·’im-  lə·ha·‘ă·lō·wṯ  ‘ā·lāw  ‘ō·w·lāh  ū·min·ḥāh,  wə·’im-  la·‘ă·śō·wṯ  ‘ā·lāw  ziḇ·ḥê  šə·lā·mîm,  Yah·weh    yə·ḇaq·qêš.  24 wə·’im-    mid·də·’ā·ḡāh  mid·dā·ḇār,  ‘ā·śî·nū  ’eṯ-  zōṯ  lê·mōr;  mā·ḥār,  yō·mə·rū  ḇə·nê·ḵem  lə·ḇā·nê·nū  lê·mōr,  mah-  lā·ḵem  Yah·weh  ’ĕ·lō·hê  yiś·rā·’êl.  25 ū·ḡə·ḇūl  nā·ṯan-  Yah·weh  bê·nê·nū  ū·ḇê·nê·ḵem  bə·nê-  rə·’ū·ḇên  ū·ḇə·nê-  ḡāḏ  ’eṯ-  hay·yar·dên,  ’ên-  lā·ḵem  ḥê·leq  Yah·weh;  wə·hiš·bî·ṯū  ḇə·nê·ḵem  ’eṯ-  bā·nê·nū,  lə·ḇil·tî  yə·rō  ’eṯ-  Yah·weh.  26 wan·nō·mer  na·‘ă·śeh-    lā·nū,  liḇ·nō·wṯ  ’eṯ-  ham·miz·bê·aḥ;    lə·‘ō·w·lāh  wə·lō  lə·zā·ḇaḥ.  27   ‘êḏ    bê·nê·nū  ū·ḇê·nê·ḵem,  ū·ḇên  dō·rō·w·ṯê·nū  ’a·ḥă·rê·nū  la·‘ă·ḇōḏ  ’eṯ-  ‘ă·ḇō·ḏaṯ  Yah·weh  lə·p̄ā·nāw,  bə·‘ō·lō·w·ṯê·nū  ū·ḇiz·ḇā·ḥê·nū  ū·ḇiš·lā·mê·nū;  wə·lō-  yō·mə·rū  ḇə·nê·ḵem  mā·ḥār  lə·ḇā·nê·nū,  ’ên-  lā·ḵem  ḥê·leq  Yah·weh.  28 wan·nō·mer  wə·hā·yāh,  kî-  yō·mə·rū  ’ê·lê·nū  wə·’el-  dō·rō·ṯê·nū  mā·ḥār;  wə·’ā·mar·nū  rə·’ū  ’eṯ-  taḇ·nîṯ  miz·baḥ  Yah·weh  ’ă·šer-  ‘ā·śū  ’ă·ḇō·w·ṯê·nū,    lə·‘ō·w·lāh  wə·lō  lə·ze·ḇaḥ,  kî-  ‘êḏ  hū,  bê·nê·nū  ū·ḇê·nê·ḵem.  29 ḥā·lî·lāh  lā·nū  mim·men·nū  lim·rōḏ  Yah·weh  wə·lā·šūḇ  hay·yō·wm  mê·’a·ḥă·rê  Yah·weh,  liḇ·nō·wṯ  miz·bê·aḥ,  lə·‘ō·lāh  lə·min·ḥāh  ū·lə·zā·ḇaḥ;  mil·lə·ḇaḏ,  miz·baḥ  Yah·weh  ’ĕ·lō·hê·nū,  ’ă·šer  lip̄·nê  miš·kā·nōw.    30 way·yiš·ma‘  pî·nə·ḥās  hak·kō·hên,  ū·nə·śî·’ê  hā·‘ê·ḏāh  wə·rā·šê  ’al·p̄ê  yiś·rā·’êl  ’ă·šer  ’it·tōw,  ’eṯ-  had·də·ḇā·rîm,  ’ă·šer  dib·bə·rū  bə·nê-  rə·’ū·ḇên  ū·ḇə·nê-  ḡāḏ  ū·ḇə·nê  mə·naš·šeh;  way·yî·ṭaḇ  bə·‘ê·nê·hem.  31 way·yō·mer  pî·nə·ḥās  ben-  ’el·‘ā·zār  hak·kō·hên  ’el-  bə·nê-  rə·’ū·ḇên  wə·’el-  bə·nê-  ḡāḏ  wə·’el-  bə·nê  mə·naš·šeh,  hay·yō·wm  yā·ḏa‘·nū  kî-  ḇə·ṯō·w·ḵê·nū  Yah·weh,  ’ă·šer  lō-  mə·‘al·tem  Yah·weh  ham·ma·‘al  haz·zeh;  ’āz,  hiṣ·ṣal·tem  ’eṯ-  bə·nê  yiś·rā·’êl  mî·yaḏ  Yah·weh.  32 way·yā·šāḇ  pî·nə·ḥās  ben-  ’el·‘ā·zār  hak·kō·hên  wə·han·nə·śî·’îm  mê·’êṯ  bə·nê-  rə·’ū·ḇên  ū·mê·’êṯ  bə·nê-  ḡāḏ  mê·’e·reṣ  hag·gil·‘āḏ  ’el-  ’e·reṣ  kə·na·‘an  ’el-  bə·nê  yiś·rā·’êl;  way·yā·ši·ḇū  ’ō·w·ṯām  dā·ḇār.  33 way·yî·ṭaḇ  had·dā·ḇār,  bə·‘ê·nê  bə·nê  yiś·rā·’êl,  way·ḇā·ră·ḵū  ’ĕ·lō·hîm  bə·nê  yiś·rā·’êl;  wə·lō  ’ā·mə·rū,  la·‘ă·lō·wṯ  ‘ă·lê·hem  laṣ·ṣā·ḇā,  lə·ša·ḥêṯ  ’eṯ-  hā·’ā·reṣ,  ’ă·šer  bə·nê-  rə·’ū·ḇên  ū·ḇə·nê-  ḡāḏ  yō·šə·ḇîm  bāh.  34 way·yiq·rə·’ū  bə·nê-  rə·’ū·ḇên  ū·ḇə·nê-  ḡāḏ  lam·miz·bê·aḥ;    ‘êḏ    bê·nō·ṯê·nū,    Yah·weh  hā·’ĕ·lō·hîm.   

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