שמואל ב 15

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2 Samuel 15 Hebrew Transliterated Bible

Absalom, by fair speeches and courtesies, steals the hearts of Israel.
way·hî  mê·’a·ḥă·rê  ḵên,  way·ya·‘aś  lōw  ’aḇ·šā·lō·wm,  mer·kā·ḇāh  wə·su·sîm;  wa·ḥă·miš·šîm  ’îš  rā·ṣîm  lə·p̄ā·nāw.  wə·hiš·kîm  ’aḇ·šā·lō·wm,  wə·‘ā·maḏ  ‘al-  yaḏ  de·reḵ  haš·šā·‘ar;  way·hî  kāl-  hā·’îš  ’ă·šer-  yih·yeh-  lōw-  rîḇ  lā·ḇō·w  ’el-  ham·me·leḵ  lam·miš·pāṭ,  way·yiq·rā  ’aḇ·šā·lō·wm  ’ê·lāw  way·yō·mer,  ’ê-  miz·zeh  ‘îr  ’at·tāh,  way·yō·mer  mê·’a·ḥaḏ  šiḇ·ṭê-  yiś·rā·’êl  ‘aḇ·de·ḵā.  way·yō·mer  ’ê·lāw  ’aḇ·šā·lō·wm,  rə·’êh  ḏə·ḇā·re·ḵā  ṭō·w·ḇîm  ū·nə·ḵō·ḥîm;  wə·šō·mê·a‘  ’ên-  lə·ḵā  mê·’êṯ  ham·me·leḵ.  way·yō·mer  ’aḇ·šā·lō·wm,  mî-  yə·śi·mê·nî  šō·p̄êṭ  bā·’ā·reṣ;  wə·‘ā·lay,  yā·ḇō·w  kāl-  ’îš  ’ă·šer-  yih·yeh-  lōw-  rîḇ  ū·miš·pāṭ  wə·hiṣ·daq·tîw.  wə·hā·yāh  biq·rāḇ-  ’îš,  lə·hiš·ta·ḥă·wōṯ  lōw;  wə·šā·laḥ  ’eṯ-  yā·ḏōw  wə·he·ḥĕ·zîq  lōw  wə·nā·šaq  lōw.  way·ya·‘aś  ’aḇ·šā·lō·wm  kad·dā·ḇār  haz·zeh  lə·ḵāl  yiś·rā·’êl,  ’ă·šer-  yā·ḇō·’ū  lam·miš·pāṭ  ’el-  ham·me·leḵ;  way·ḡan·nêḇ  ’aḇ·šā·lō·wm,  ’eṯ-  lêḇ  ’an·šê  yiś·rā·’êl.   
By pretense of a vow, he obtains leave to go to Hebron
He makes there a great conspiracy
10 way·yiš·laḥ  ’aḇ·šā·lō·wm  mə·rag·gə·lîm,  bə·ḵāl  šiḇ·ṭê  yiś·rā·’êl  lê·mōr;  kə·šā·mə·‘ă·ḵem  ’eṯ-  qō·wl  haš·šō·p̄ār,  wa·’ă·mar·tem  mā·laḵ  ’aḇ·šā·lō·wm  bə·ḥeḇ·rō·wn.  11 wə·’eṯ-  ’aḇ·šā·lō·wm,  hā·lə·ḵū  mā·ṯa·yim  ’îš  mî·rū·šā·lim,  qə·ru·’îm  wə·hō·lə·ḵîm  lə·ṯum·mām;  wə·lō  yā·ḏə·‘ū  kāl-  dā·ḇār.  12 way·yiš·laḥ  ’aḇ·šā·lō·wm  ’eṯ-  ’ă·ḥî·ṯō·p̄el  hag·gî·lō·nî  yō·w·‘êṣ  dā·wiḏ,  mê·‘î·rōw  mig·gi·lōh,  bə·zā·ḇə·ḥōw  ’eṯ-  haz·zə·ḇā·ḥîm;  way·hî  haq·qe·šer  ’am·miṣ,  wə·hā·‘ām  hō·w·lêḵ  wā·rāḇ  ’eṯ-  ’aḇ·šā·lō·wm. 
David upon the news flees from Jerusalem
13 way·yā·ḇō  ham·mag·gîḏ,  ’el-  dā·wiḏ  lê·mōr;  hā·yāh  leḇ-  ’îš  yiś·rā·’êl  ’a·ḥă·rê  ’aḇ·šā·lō·wm.  14 way·yō·mer  dā·wiḏ  lə·ḵāl  ‘ă·ḇā·ḏāw  ’ă·šer-  ’it·tōw  ḇî·rū·šā·lim  qū·mū  wə·niḇ·rā·ḥāh,    lō-  ṯih·yeh-  lā·nū  p̄ə·lê·ṭāh  mip·pə·nê  ’aḇ·šā·lō·wm;  ma·hă·rū  lā·le·ḵeṯ,  pen-  yə·ma·hêr  wə·hiś·śi·ḡā·nū  wə·hid·dî·aḥ  ‘ā·lê·nū  ’eṯ-  hā·rā·‘āh,  wə·hik·kāh  hā·‘îr  lə·p̄î-  ḥā·reḇ.  15 way·yō·mə·rū  ‘aḇ·ḏê-  ham·me·leḵ  ’el-  ham·me·leḵ;  kə·ḵōl  ’ă·šer-  yiḇ·ḥar  ’ă·ḏō·nî  ham·me·leḵ  hin·nêh  ‘ă·ḇā·ḏe·ḵā.  16 way·yê·ṣê  ham·me·leḵ  wə·ḵāl  bê·ṯōw  bə·raḡ·lāw;  way·ya·‘ă·zōḇ  ham·me·leḵ,  ’êṯ  ‘e·śer  nā·šîm  pi·laḡ·šîm  liš·mōr  hab·bā·yiṯ.  17 way·yê·ṣê  ham·me·leḵ  wə·ḵāl  hā·‘ām  bə·raḡ·lāw;  way·ya·‘am·ḏū  bêṯ  ham·mer·ḥāq.  18 wə·ḵāl  ‘ă·ḇā·ḏāw  ‘ō·ḇə·rîm  ‘al-  yā·ḏōw,  wə·ḵāl  hak·kə·rê·ṯî  wə·ḵāl  hap·pə·lê·ṯî;  wə·ḵāl  hag·git·tîm  šêš-  mê·’ō·wṯ  ’îš,  ’ă·šer-  bā·’ū  ḇə·raḡ·lōw  mig·gaṯ,  ‘ō·ḇə·rîm  ‘al-  pə·nê  ham·me·leḵ. 
Ittai will leave him
19 way·yō·mer  ham·me·leḵ  ’el-  ’it·tay  hag·git·tî,  lām·māh  ṯê·lêḵ  gam-  ’at·tāh  ’it·tā·nū;  šūḇ  wə·šêḇ  ‘im-  ham·me·leḵ  kî-  nā·ḵə·rî  ’at·tāh,  wə·ḡam-  gō·leh  ’at·tāh  lim·qō·w·me·ḵā.  20 tə·mō·wl  bō·w·’e·ḵā,  wə·hay·yō·wm  [’ă·nō·w·‘ă·ḵā  ḵ]  (’ă·nî·‘ă·ḵā  q)  ‘im·mā·nū  lā·le·ḵeṯ,  wa·’ă·nî  hō·w·lêḵ,  ‘al  ’ă·šer-  ’ă·nî  hō·w·lêḵ;  šūḇ  wə·hā·šêḇ  ’eṯ-  ’a·ḥe·ḵā  ‘im·māḵ  ḥe·seḏ  we·’ĕ·meṯ.  21 way·ya·‘an  ’it·tay  ’eṯ-  ham·me·leḵ  way·yō·mar;  ḥay-  Yah·weh  wə·ḥê  ’ă·ḏō·nî  ham·me·leḵ,    ’im-  bim·qō·wm  ’ă·šer  yih·yeh-  šām  ’ă·ḏō·nî  ham·me·leḵ,  ’im-  lə·mā·weṯ  ’im-  lə·ḥay·yîm,  kî-  šām  yih·yeh  ‘aḇ·de·ḵā.  22 way·yō·mer  dā·wiḏ  ’el-  ’it·tay  lêḵ  wa·‘ă·ḇōr;  way·ya·‘ă·ḇōr  ’it·tay  hag·git·tî  wə·ḵāl  ’ă·nā·šāw,  wə·ḵāl  haṭ·ṭap̄  ’ă·šer  ’it·tōw.  23 wə·ḵāl  hā·’ā·reṣ,  bō·w·ḵîm  qō·wl  gā·ḏō·wl,  wə·ḵāl  hā·‘ām  ‘ō·ḇə·rîm;  wə·ham·me·leḵ,  ‘ō·ḇêr  bə·na·ḥal  qiḏ·rō·wn,  wə·ḵāl  hā·‘ām  ‘ō·ḇə·rîm,  ‘al-  pə·nê-  ḏe·reḵ  ’eṯ-  ham·miḏ·bār. 
Zadok and Abiathar are sent back with the ark
24 wə·hin·nêh  ḡam-  ṣā·ḏō·wq  wə·ḵāl  hal·wî·yim  ’it·tōw,  nō·śə·’îm  ’eṯ-  ’ă·rō·wn  bə·rîṯ  hā·’ĕ·lō·hîm,  way·yaṣ·ṣi·qū  ’eṯ-  ’ă·rō·wn  hā·’ĕ·lō·hîm,  way·ya·‘al  ’eḇ·yā·ṯār;  ‘aḏ-  tōm  kāl-  hā·‘ām  la·‘ă·ḇō·wr  min-  hā·‘îr.  25 way·yō·mer  ham·me·leḵ  lə·ṣā·ḏō·wq,  hā·šêḇ  ’eṯ-  ’ă·rō·wn  hā·’ĕ·lō·hîm  hā·‘îr;  ’im-  ’em·ṣā  ḥên  bə·‘ê·nê  Yah·weh,  we·hĕ·ši·ḇa·nî  wə·hir·’a·nî  ’ō·ṯōw  wə·’eṯ-  nā·wê·hū.  26 wə·’im  kōh  yō·mar,    ḥā·p̄aṣ·tî  bāḵ;  hin·nî  ya·‘ă·śeh-    ka·’ă·šer  ṭō·wḇ  bə·‘ê·nāw.  s  27 way·yō·mer  ham·me·leḵ  ’el-  ṣā·ḏō·wq  hak·kō·hên,  hă·rō·w·’eh  ’at·tāh,  šu·ḇāh  hā·‘îr  bə·šā·lō·wm;  wa·’ă·ḥî·ma·‘aṣ  bin·ḵā  wî·hō·w·nā·ṯān  ben-  ’eḇ·yā·ṯār  šə·nê  ḇə·nê·ḵem  ’it·tə·ḵem.  28 rə·’ū  ’ā·nō·ḵî  miṯ·mah·mê·ah,  [bə·‘aḇ·rō·wṯ  ḵ]  (bə·‘ar·ḇō·wṯ  q)  ham·miḏ·bār;  ‘aḏ  bō·w  ḏā·ḇār  mê·‘im·mā·ḵem  lə·hag·gîḏ  lî.  29 way·yā·šeḇ  ṣā·ḏō·wq  wə·’eḇ·yā·ṯār  ’eṯ-  ’ă·rō·wn  hā·’ĕ·lō·hîm  yə·rū·šā·lim;  way·yê·šə·ḇū  šām. 
David and his company go up mount Olivet weeping,
He curses Ahithophel's counsel
Hushai is sent back with instructions
32 way·hî  ḏā·wiḏ    ‘aḏ-  hā·rōš,  ’ă·šer-  yiš·ta·ḥă·weh  šām  lê·lō·hîm;  wə·hin·nêh  liq·rā·ṯōw  ḥū·šay  hā·’ar·kî,  qā·rū·a‘  kut·tā·nə·tōw,  wa·’ă·ḏā·māh  ‘al-  rō·šōw.  33 way·yō·mer  lōw  dā·wiḏ;  ’im  ‘ā·ḇar·tā  ’it·tî,  wə·hā·yi·ṯā  ‘ā·lay  lə·maś·śā.  34 wə·’im-  hā·‘îr  tā·šūḇ,  wə·’ā·mar·tā  lə·’aḇ·šā·lō·wm  ‘aḇ·də·ḵā  ’ă·nî  ham·me·leḵ  ’eh·yeh,  ‘e·ḇeḏ  ’ā·ḇî·ḵā  wa·’ă·nî  mê·’āz,  wə·‘at·tāh  wa·’ă·nî  ‘aḇ·de·ḵā;  wə·hê·p̄ar·tāh  lî,  ’êṯ  ‘ă·ṣaṯ  ’ă·ḥî·ṯō·p̄el.  35 wa·hă·lō·w  ‘im·mə·ḵā  šām,  ṣā·ḏō·wq  wə·’eḇ·yā·ṯār  hak·kō·hă·nîm;  wə·hā·yāh,  kāl-  had·dā·ḇār  ’ă·šer  tiš·ma‘  mib·bêṯ  ham·me·leḵ,  tag·gîḏ  lə·ṣā·ḏō·wq  ū·lə·’eḇ·yā·ṯār  hak·kō·hă·nîm.  36 hin·nêh-  šām  ‘im·mām  šə·nê  ḇə·nê·hem,  ’ă·ḥî·ma·‘aṣ  lə·ṣā·ḏō·wq,  wî·hō·w·nā·ṯān  lə·’eḇ·yā·ṯār;  ū·šə·laḥ·tem  bə·yā·ḏām  ’ê·lay,  kāl-  dā·ḇār  ’ă·šer  tiš·mā·‘ū.  37 way·yā·ḇō  ḥū·šay  rê·‘eh  ḏā·wiḏ  hā·‘îr;  wə·’aḇ·šā·lōm,  yā·ḇō  yə·rū·šā·lim. 

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Westminster Leningrad Codex

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